
नये आपराधिक कानून पर विधिवेत्ताओं का परामर्श न लिया जाना अव्यवहारिक-ज्ञानप्रकाश
बनारस में अधिवक्ता सुरक्षा यात्रा के दौरान साथियों ने नारेबाजी कर समर्थन को लेकर भरी हुंकार
अधिवक्ताओं की सभा को संबोधित करते रूरल बार के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल
अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम के समर्थन में नारेबाजी करते कचहरी के अधिवक्ता
वाराणसी। अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम को लेकर सोमवार को यहां कलेक्टेªट कचहरी में अधिवक्ताओं ने हुंकार भरी। आल इण्डिया रूरल बार एसोशिएसन के बैनरतले दोपहर राष्ट्रीय महासचिव अनिल त्रिपाठी महेश व सह संयोजक विकास मिश्र की अगुवाई में अधिवक्ता सुरक्षा यात्रा में कचहरी पहुंचकर मांगो के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ता सुरक्षा यात्रा में शामिल हुए एसोशिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने कहा कि प्रदेश और देश की सरकार अधिवक्ताओं की सुरक्षा और उनकी सुविधाओं को लेकर पूरी तरह से लापरवाह बनी हुई है। उन्होनें कहा कि केंद्र एवं प्रदेश की सरकारें अधिवक्ताओं के जीवन की सुरक्षा के साथ बार एसोशिएसन से जुडी सुविधाओं को भी नजरअंदाज करती आ रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने कहा कि केंद्र ने नए आपराधिक कानून प्रभावी तो बना दिया किंतु इसे लेकर किसी भी बार एसोशिएसन के अधिवक्ता संगठन से परामर्श या सुझाव नहीं मांगा। उन्होने कहा कि नये कानून को लागू करने से पहले देश भर के अधिवक्ता संगठनो तथा विधिवेत्ताओं से भी कानूनी सुझाव अमल मे लाया जाना चाहिए था। उन्होनें कहा कि अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम को लेकर एसोशिएसन प्रदेशव्यापी जागरूकता अभियान को पूर्ण करने के बाद यूपी विधानसभा के अगले सत्र के दौरान राजधानी लखनऊ मे बडे पैमाने पर विरोध प्रदर्शन को मुखर करेगा। दि सेण्ट्रल बार एसोशिएसन बनारस के पदाधिकारियों ने भी अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम को लेकर यात्रा के दौरान उठाई गयी मांगों का समर्थन किया। एसोशिएसन के अध्यक्ष मुरलीधर सिंह तथा महामंत्री सुरेंद्र नाथ पाण्डेय ने अधिवक्ताओं तथा उनके परिवारीजनों को चिकित्सा सुविधा व टोल टैक्स से छूट प्रदान किये जाने पर जोर दिया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेन्द्र पाठक ने प्रदेश सरकार द्वारा अधिवक्ता कल्याणकारी निधि में बजट बढोत्तरी की मांग उठायी गयी। यात्रा के संयोजक एवं एसोशिएसन के महासचिव अनिल त्रिपाठी ने अधिवक्ताओं के हितों को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा एडवोकेटस प्रोटेक्शन एक्ट को अभी तक प्रभावी न बनाये जाने की आलोचना की। संचालन करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास मिश्र ने कहा कि राज्य सरकार ने एडवोकेटस प्रोटेक्शन एक्ट पर ड्राफ्टिंग कमेटी मात्र का गठन कर अधिवक्ताओं को गुमराह करने का अभी तक प्रयास जारी रखा है। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश पाण्डेय, महेन्द्र तिवारी, संजय पाण्डेय, दिनेश सिंह, अरविन्द पंकज, विपिन शुक्ला, शिवनारायण, सत्येन्द्र श्रीवास्तव आदि अधिवक्ता रहे।